बोन चाइना के बर्तन सबसे महंगे माने जाते है क्योंकि इसके उत्पादन के लिए सैंकड़ो टन हड्डियों की जरूरत होती है।

जिन्हे कसाईखानों से जुटाया जाता है इसके बाद इन्हे उबाला जाता है साफ़ किया जाता है और खुले में जाकर इसकी राख प्राप्त की जाती है।
बिना इस राख के चाइना कभी भी बोन चाइना नहीं कहलाता है जानवरो की हड्डी से चिपका हुआ मांस और चिपचिपापन अलग कर दिया जाता है इस चरण में प्राप्त चिपचिपे गोंद को अन्य इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख लिया जाता है शेष बची हुई हड्डी को १००० सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे इसमें उपस्थित सारा कार्बनिक पदार्थ जल जाता है।

इसके बाद पानी और अन्य आवश्यक पदार्थ मिलाकर कप ,प्लेट और अन्य क्रॉकरी बना ली जाती है और गर्म किया जाता है इन तरह बोन चाइना अस्तित्व में आता है 50 प्रतिशत हड्डियों की रख 25 प्रतिशत चीनी मिटटी और बाकी चाइना स्टोन खास बात ये है की बोन चाइना जितना ज्यादा महंगा होगा उसमे हड्डियों की रख की मात्रा भी उतनी अधिक होगी अब प्र्शन्न यह उठता है की क्या शाकाहारी लोगो को बोन चाइना का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर शाकाहारी ही क्यों क्या किसी को भी बोन चाइना का इस्तेमाल करना चाहिए लोग इस मामले में कुछ तर्क देते है जानवरों को उनकी हड्डियों के लिए नहीं मारा जाता, हड्डियां तो उनको मारने के बाद प्राप्त हुआ एक उप-उत्पाद है।

लेकिन भारत के मामले में यह कुछ अलग है भारत में भैंस और गाय को उनके मांस के लिए नहीं मारा जाता क्योंकि उनकी मांस खाने वालों की संख्या काफी कम है उन्हें दरअसल उनकी चमड़ी और हड्डियों के लिए मारा जाता है भारत में दुनिया की सबसे बड़ी चमड़ी मंडी है और यहां जायदातर गाय के चमड़े का ही प्रयोग किया जाता है हम जानवरो को उनकी हड्डियों के लिए भी मरते है । देखा जाए तो वर्क बनाने का पूरा उद्योग ही गाय को सिर्फ उसकी आंत के लिए मौत के घाट उतार देता है आप जानवरो को नहीं मारते, लेकिन आप या आपके परिवार को बोन चाइना के बर्तन नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि बिना मांग के उत्पादन अपने आप ही खत्म हो जायेगा।
इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें - धन्यवाद
from Bollywood Remind | bollywood breaking news in hindi ,social trade news , bollywood news ,bollywood https://ift.tt/383uxEN
क्या बोन चाइना के बर्तनो में धार्मिक लोगो के खाना खाने से उनका धर्म नष्ट नहीं होता ?
Reviewed by N
on
February 06, 2020
Rating:

No comments: