रमजान का महीना शुरू हो चूका है ये 23 अप्रैल से शुरू हो चुके है इस महीने पुरे 30 दिन तक रोजे रखे जाते है।
रमजान के बाद ईद होती है जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय बहुत ज्यादा सख्त नियमो को अपनाकर रोजे करता है जिनको टूट जाने पर वो अपने आपको गुनाह का भागी समझता है।
रमजान के महीने के कुछ मिथक है जो लोगो को आज भी अपने बहकावे में लिए हुए है और लोग इन मिथक को मानकर जिए जा रहे है इसलिए आज हम आपको उनके सच के बारे में बताते है।
रमजान के महीने में कहा जाता है की ब्रश करने से रोजे टूट जाते है लेकिन इसके पीछे सच्चाई ये है की रमजान के महीने में दातुन या कुल्ला किये बिना नमाज नहीं पढ़ सकते है क्योंकि इस्लाम में 'सिवाक' नाम का नियम बनाया गया है जिसके अनुसार दांतो को साफ करना जरुरी माना गया है अगर ऐसा नहीं किया तो आपकी नमाज पूरी नहीं मानी जाएगी।
रमजान में सबसे बड़ा झूट ये है की रोजो के दौरान थूक भी अंदर नहीं ले सकते लेकिन इसका कोई महत्व नहीं है ऐसा करना जरुरी नहीं होता।
रमजान के महीने रोजे दारो से कहा जाता है की रोजो में अगर गलती से कुछ कहा लिया तो रोजे टूट जायेंगे यकीन ऐसा नहीं है किसी भी व्रत या रोजो में गलती से खाने से व्रत या रोजे नहीं टूटताहै।
रमजान के दौरान एक मिथक ये भी है की पीरियड्स के दौरान रोजे टूट जाते है लेकिन ऐसा नहीं है अगर किसी महिला को रोजो में पीरियड्स आ गए तो उसके रोजे माफ़ होते है वो रमजान के बाद अपने रोजे पुरे कर सकती है।
कहते है रमजान में रोजो के दौरान शरीर पर तेल या इत्र लगाना गलत होता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है आप रोजो के दौरान बालो में तेल और शरीर पर इत्र लगा सकते है क्योंकि जिस तरह कुल्ला करने की मनाही नहीं है वैसे ही अपने शरीर को साफ़ करने की भी मनाही नहीं है।
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रमजान के बारे ये भ्रांतिया जिन्हे आज भी लोगो करते है फॉलो !!
Reviewed by N
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April 24, 2020
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