स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: आजादी की लड़ाई में सिर्फ वीर ही नहीं ये वीरांगनाये भी थी शामिल,हौसला देखा आप भी हो जाएंगे इनके आगे नमन !!
आजादी के लिए कुर्बानी देने और देश के लिए लड़ने वाले वीरों में देश की विरंगनाएं भी थीं।
आज हम बात करेंगे उन्हीं वीरांगनाओं की, जिनके बलिदान और देश-निर्माण में योगदान के लिए हम सदा उनके ऋणी रहेंगे।
रानी चेन्नम्मा उन भारतीय शासकों में से हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए सबसे पहली लड़ाई लड़ी थी 1857 के विद्रोह से 33 साल पहले ही दक्षिण के राज्य कर्नाटक में शस्त्रों से लैस सेना के साथ रानी ने अंग्रेजों से लड़ाई की और वीरगति को प्राप्त हुईं।
आपने शायद ही किसी ऐसे भारतीय के बारे में सुना होगा जो झांसी की रानी के बहादुरी भरे कारनामे सुनते-सुनते न बड़ा हुआ हो झांसी की रानी सन 1857 के विद्रोह में शामिल रहने वाली प्रमुख शख्सियत थीं रानी लक्ष्मीबाई के अप्रतिम शौर्य से चकित अंग्रेजों ने भी उनकी प्रशंसा की थी और वह अपनी वीरता के किस्सों को लेकर किंवदंती बन चुकी हैं।
बेगम हजरत महल 1857 के विद्रोह के सबसे प्रतिष्ठित चेहरों में से एक हैं बेगम हजरत महल की हिम्मत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने मटियाबुर्ज में जंगे-आज़ादी के दौरान नजरबंद किए गए वाजिद अली शाह को छुड़ाने के लिए लार्ड कैनिंग के सुरक्षा दस्ते में भी सेंध लगा दी थी उन्होंने लखनऊ पर कब्ज़ा किया और अपने बेटे को अवध का राजा घोषित किया इतिहासकार ताराचंद लिखते हैं कि बेगम खुद हाथी पर चढ़ कर लड़ाई के मैदान में फ़ौज का हौसला बढ़ाती थीं।
भीकाजी कामा को उनके प्रेरक और क्रांतिकारी भाषणों के लिए तथा भारत और विदेश दोनों में लैंगिक समानता की वकालत करने के लिए जाना जाता है 22 अगस्त 1907, स्टटगार्ट, जर्मनी में अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट सम्मेलन में, कामा ने ध्वज फहराया जिसे उन्होंने आजादी का प्रथम ध्वज कहा।
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स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: आजादी की लड़ाई में सिर्फ वीर ही नहीं ये वीरांगनाये भी थी शामिल,हौसला देखा आप भी हो जाएंगे इनके आगे नमन !!
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August 13, 2020
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