उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं, अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो के स्वतंत्रता दिलाई।
उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया, वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती।
इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया, उनका पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ था।
गुजरात के संत कवि नरसी मेहता द्वारा रचा ये भजन गाँधी जी को बहुत प्रिय था जो कुछ इस प्रकार है:-
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड पराई जाणे रे।।
पर दृखे उपकार करे तोये,
मन अभिमान न आणे रे।।
सकल लोकमां सहुने वंदे,
निंदा न करे केनी रे।।
वाच काछ मन निश्चल राखे,
धन-धन जननी तेनी रे।।
समदृष्टी ने तृष्णा त्यागी,
परत्री जेने ताम रे।।
जिहृवा थकी असत्य न बोले,
पर धन नव झाले हाथ रे।।
मोह माया व्यापे नहि जेने,
दृढ वैराग्य जेना मनमां रे।।
रामनाम शुं ताली लागी,
सकल तीरथ तेना तनमां रे।।
वणलोभी ने कपटरहित छे,
काम क्रोध निवार्या रे।।
भणे नरसैयों तेनु दरसन करतां,
कुळ एकोतेर तार्या रे।।
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गाँधी जयंती स्पेशल: भगवान राम का ये भजन अतिप्रिय था बापू को,सुनते ही दुनिया को जाते थे भूल
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September 27, 2020
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