कृषि कानूनों को लेकर किसान और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध लंबा खींचने के बीच समाधान के कई उपाय भी सामने आने लगे हैं।
ऐसा ही एक सुझाव हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका की ओर से आया है खेमका ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ सभी राज्यों के बीच बराबर बंटवारा किया जा सकता है बाकी का बोझ राज्य सरकारों को वहन करना चाहिए राज्यों को अपनी जरूरत और क्षमता के अनुसार किसानों को विभिन्न फसलों पर एमएसपी गारंटी नहीं चाहिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का विकेंद्रीकरण ही बेहतर है खेमका के इस सुझाव पर सभी किसानों को उनके संगठन नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है दरअसल केंद्र ने जिन तीन कृषि कानूनों को पारित किया है उनको लेकर किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म कर दिया जाएगा हालांकि सरकार किसानों को एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है।
किसानों ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग समेत कई फार्म प्रावधानों पर भी आपत्ति जताई है सरकार ने इन्हें भी मान लिया और यह भी भरोसा दिया है कि मंडियों को खत्म नहीं किया जाने जाएगा बल्कि एक और विकल्प किसानों को दिया जा रहा है मगर किसान कृषि कानून को पूरी तरह से खत्म करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
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इस आईएएस ने किसान आंदोलन को खत्म करने को लेकर दिया ये सुझाव ,बोले राज्य सरकारे भी करे ये काम
Reviewed by N
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December 14, 2020
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