पेरासिटामोल को दर्द से राहत पाने के लिए लिया जाता है लेकिन मेडिकल में इस दवाई को सही नहीं माना गया है।
खासकर प्रेगनेंट महिलाओ के लिए इसलिए औरते प्रेग्नेंसी में पेरासिटामोल का सेवन करती है उनके बच्चो के दिमाग कम हो जाता है पेरासिटामोल लेने से उनके गर्भ में पल रहे बच्चों में कम आईक्यू, याददाश्त और बुद्धि भी कुछ उम्र तक देखने को मिली।
एक रिपोर्ट में सामने आया है की प्रेग्नेंसी में पेरासिटामॉल यानी की असीटमिंफिन लेने से बच्चे पर 6 महीने से लेकर 11 साल तक असर रहता है। रिसर्च में उनके याद रखने की क्षमता और आईक्यू को 17 साल तक चेक किया जाता रहा था । करीब 14 हजार बच्चों पर हुए रिसर्च में ये पाया गया कि उनका आईक्यू लेवल, याददाश्त की क्षमता और मानिसक विकास 11 साल तक प्रभावित रहा।
इसमें से 42 प्रतिशत माओ ने ये स्वीकार किया की वः प्रेग्नेंसी के दौरान कभी ना कभी पेरासिटामोल लेती रही थी रिसर्चर्स ने बच्चो की मेमरी ,, आइक्यू , प्री-स्कूल डिवेलपमेंट टेस्ट और टेंपरामेंट बिहेविअर पर नजर रखी हुई थी प्राइमरी स्कूल तक पहुंचने पर उनका मानिसक विकास और आईक्यू लेवल पर यह असर देखने को मिला। हालांकि इसके बाद उनका मानसिक विकास और आईक्यू में समानता आने लगी थी।
यही नहीं रिसर्चर्स ने ये भी पाया की दवा के प्रभाव से लड़के लड़कियों की तुलना में अधिक संवेंदनशील पाए गए पेरासिटामोल के अधिक सेवन से बच्चो में हाइपरएक्टिविटी से जुड़ी समस्या भी देखने को मिलती है ऐसी मांए जो प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार पेरासिटामोल लेती रहती हैं उनके बच्चे हाइपरएक्टिव और हाइपरएग्रेसिव भी हो जाते हैं बच्चों में ऑटिज्म और एडीएचडी जैसी मानसिक बीमारियों का भी खतरा रहता है।
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दर्द से राहत देने वाली पेरासिटामॉल प्रेगनेंट औरतो के लिए है इतनी खतरनाक ,जानके होश गंवा देंगे आप
Reviewed by N
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September 21, 2019
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