गाँधी जयंती स्पेशल : आजादी की आग लगाने वाला था महात्मा गाँधी का पहला भाषण,सुनकर आवक रह गए थे राजे-रजवाड़े तथा वाइसराय....

महात्मा गांधी ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की 14 जनवरी 1916 में स्थापना के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित किया था।


माना जाता है कि उनका वह भारत में दिया गया पहला सार्वजनिक संबोधन था।


फरवरी 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलने के लिए, पं मदन मोहन मालवीय ने महात्मा गांधी को आमंत्रित किया था। 


वहाँ सभी उपस्थित लोग, महात्मा गांधी के भाषण सुनकर विचार-विमर्श करने पर मजबूर हो गए थे शाही राजा और युवराजों, एनी बेसेंट और बाकी सभी, ब्रिटिश नेताओं के प्रति भारतीय नेताओं द्वारा अपनाने वाले विनीत भाषण की उम्मीद लगाकर आए थे।


गांधी जी ने अंग्रेजी भाषा के जरिए भारी आलोचना और स्वराज्य की माँग के मुद्दे को प्रस्तुत करके दर्शकों को चौंका दिया था और महात्मा गांधी ने पहली बार बनारस में देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने का संकेत प्रदर्शित किया था ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराने की आग को भड़काने वाला यह पहला भाषण था।


अपने भाषण को अंग्रेजी में देते हुए कहा कि "उनमें इस बात से लज्जा तथा अपमान का भाव पैदा हो रहा है क्योंकि उन पर अपने देशवासियों को किसी विदेशी भाषा में संबोधित करने के लिए दबाव डाला गया।" 


गांधी जी ने गहनों से लदे हुए युवराजों की तरफ मुखातिब होते हुए यह भी कहा, "भारत को तब तक आजादी नहीं मिलेगी जब तक आप इन गहनों को उतार नहीं नहीं देते।" 




गाँधी जयंती स्पेशल : आजादी की आग लगाने वाला था महात्मा गाँधी का पहला भाषण,सुनकर आवक रह गए थे राजे-रजवाड़े तथा वाइसराय.... गाँधी जयंती स्पेशल : आजादी की आग लगाने वाला था महात्मा गाँधी का पहला भाषण,सुनकर आवक रह गए थे राजे-रजवाड़े तथा वाइसराय.... Reviewed by N on September 29, 2019 Rating: 5

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