हमारे देश का नाम भारत है वह भारत नाम मकर राशि में आता है वैसे राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम रखा गया था।

लेकिन इस देश की विशेषताएं भी मकर राशि से मिलती-जुलती है इसके लोग भी मकर राशि के स्वभाव से मिलते जुलते हैं आध्यात्मिक संघर्ष के प्रतीक मकर राशि के जातक अथवा भारतवासी युक्तिसंगत कार्य में उलझे रहते हैं इनकी त्वचा का रंग काला होता है ना गोरा होता है।

आजकल राहु अपनी उच्च राशि में मिथुन में गोचर कर रहे हैं जो स्वतंत्र भारत की कुंडली का दूसरा घर और आम इंसान के मुंह और नाक का घर है इस घर में उच्च चंद्र के और बृहस्पति कारक ग्रह शनि अपनी मकर राशि में है और यह हमारी ऑक्सीजन को प्रभावित करते हैं।

इसका कारक बृहस्पति है क्योंकि साँस नाक के जरिए ही ली जाती है और ऑक्सीजन शरीर तक पहुंचकर जीवन प्रदान करती है कोरोनावायरस का यह हमला वायु या सांस के जरिए मानव शरीर में पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहा है जिसके कारण से जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसारकोई भी वायरस राहु और शनि से प्रभावित होता है जो ऑक्सीजन को दूषित करके हवा को भी विषैला बनाते हैं राहु का संबंध धुएं और आसमान दोनों से है ऐसे ही कोई भी वायरस हवा में कहीं भी पहुंच जाता है शनि हवा में पैदा हुए कण है जो इसको फैलाने में मदद करते हैं।

14 मई 2020 को जब वक्री देव गुरु बृहस्पति का आगमन मकर राशि में होगा यह तब तक यह बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त होगी उस दिन मकर राशि में नीच भंग के कारण यह बीमारी प्रभावहीन हो जाएगी इससे पूर्व 11 मई 2020 को शनि देव का वक्री होना इसमें सहायक होगा।

ज्योतिष में केतु को इस तरह के रोगों का ग्रह कारक माना गया है इनकी रोकथाम उपाय मुश्किल है परेशानी वाले होते हैं किंतु आगामी 22 अप्रैल 2020 से बन रही ग्रह नक्षत्रों की स्थिति अनुसार को कोरोना वायरस से धीरे-धीरे राहत मिलने लगी यह सत्य भी सर्वविदित है कि जब संक्रांति काल होता है तब रोग महामारी ओं के फैलने की आशंका अधिक होती है।

वर्तमान समय में भारत पर कोरोनावायरस का शुरू हो चुका है चंद्रमा और बृहस्पति दोनों उत्तर दिशा की ओर केंद्रित करते हैं भारत में इसका असर उत्तरी भारत में ज्यादा होगा जैसे की दिल्ली ,हरियाणा ,चंडीगढ़, पंजाब हिमाचल और जम्मू-कश्मीर आदि में होली के बाद इसका असर शुरू होने की आशंका बनती है।

चैत्र अमावस्या से यानी 24 मार्च 2020से इस कोरोना वायरस का तब और अधिक बढ़ावा मिलेगा जब 30 मार्च से बृहस्पति अपनी नीच राशि में प्रवेश करेंगे जहां शनिदेव पहले से ही बैठे हैं आठवें भाव में मंगल और केतु अंगारक दोष बना रहे हैं घरों के इस प्रभाव के परिणाम स्वरुप आम जनमानस अस्पताल के चक्कर लगाएंगे दिन के बजाय रात में कोरोना का असर ज्यादा रहेगा।

लेकिन जैसे-जैसे गर्मी का मौसम बढ़ेगा तो इसके प्रभाव में कटौती होनी शुरू हो जाएगी आगामी 13 अप्रैल 2020 सूर्य देव अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे तो कोरोना वायरस का अंत शुरू होगा इसके लिए हर व्यक्ति को अपना चंद्र और बृहस्पति शुभ स्थिति में रखने की आवश्यकता है।
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कुंडली के ग्रह योग से जाने की कब खत्म होगा भारत से कोरोना वायरस का खात्मा
Reviewed by N
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March 20, 2020
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