कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है इसकी अभी तक कोई इलाज भी नहीं मिला है।

अब कोरोनावायरस को लेकर नया संकट पैदा हो गया है कि कोरोनावायरस के 80% मरीजों में इसके लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं हाल ही में आईसीएमआर ने बताया कि भारत में कोरोनावायरस के 80 प्रतिशत मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं सवाल उठता है कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते नहीं हो उन्हें क्या करना चाहिए।

मैक्सहेल्थ केयर के डॉक्टर संदीप बुद्धि राजा कहते हैं कि भारत में अब ऐसे मरीजों में कोरोना पॉजिटिव आ रहा है जिनमें खांसी ,जुखाम ,बुखार का कोई लक्षण नहीं है और वह किसी कोरोना मरीज के संपर्क में नहीं आए हैं इसलिए डॉक्टरों का मानना है कि स्थिति भारत के लिए अच्छी भी है और खराब भी अच्छी इसलिए है क्योंकि मरीज खुद से ही ठीक हो रहे हैं।

अस्पतालों में मरीज जितनी तादाद में नहीं है जितनी तादाद में कोरोना वायरस है और बुरी स्थिति इसलिए है क्योंकि ऐसे लोग दूसरों को अनजाने में कोरोना का संक्रमण दे सकते हैं अब भारत को ज्यादा लोगों को टेस्ट करने की जरूरत पड़ेगी इसके अलावा कंटेनमेंट स्ट्रेटेजी यानी हॉटस्पॉट में ज्यादा पाबंदी लगाना भी अच्छा तरीका इसे कड़ाई से लागू करना पड़ेगा।

एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कहते हैं यह रेपित टेस्ट लक्षण आने के 7 दिन बाद ही सही नतीजा दे सकते हैं अगर हर जगह इस्तेमाल किया गया तो गलत नतीजे भी आ सकते हैं इसलिए केवल ऐसे मरीजों में इसका इस्तेमाल करें जिनमें लक्षण के 7 दिन हो चुके हैं टेस्ट नेगेटिव आए तो ठीक है लेकिन पॉजिटिव आए तो कंफर्म करने के लिए आरटी पीसीआर करना चाहिए इसका इस्तेमाल हॉटस्पॉट इलाके में ही करें ऐसे लोगों की जांच की जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका हो।

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big breaking :जिनमे नहीं दिख रहे कोरोना के लक्ष वो मरीज इस स्थति से कैसे निपटे
Reviewed by N
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April 22, 2020
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