आचार्य चाणक्य को निति शास्त्र की नीतिया जीवन में आगे बढ़ने के लिए काफी प्रेरणा दायी है।

ऐसे ही चाणक्य के निति शास्त्र के बारहवें अध्याय के 18 वें श्लोक में बताया है कि आपको तरक्की और सुखी जीवन के लिए किससे क्या बात सीखनी चाहिए इस श्लोक में आपको आचार्य की निति के सारे गुणों का पता चल जायेगा इस श्लोक में बताया गया है की किस व्यक्ति से आपको क्या गुण लेना चाहिए।
विनयं राजपुत्रेभ्यः पण्डितेभ्यः सुभाषितम्।
अनृतं द्यूतकारेभ्यः स्त्रीभ्यः शिक्षेत् कैतवम्।
चाणक्य के इस श्लोक के अनुसार राजकुमारों यानि की बड़े लोगो और नेताओ से आपको विनय का गुण लेना चाहिए, मीठा बोलना और शिष्टाचार रखना चाहिए इस गुण से आप अपनी नौकरी और बिजनेस में तरक्की पा सकते है।
चाणक्य ने जुआरियो से झूठ बोलने की निति अपनाने को कहा है लेकिन झूठ बोलते समय ध्यान रखना चाहिए की आपके झूठ से किसी को नुकशान नहीं होना चाहिए।
चाणक्य की निति के अनुसार स्त्रियों से छल कपट की बाते सीखनी चाहिए और किस जगह इनका प्रयोग किया जाता है वो भी सीखना चाहिए ये कूटनीति का एक हिस्सा है।
चाणक्य के अनुसार पंडित से सीखना चाहिए की कब क्या बोले और कब चुप रना चाहिए और पंडित से आपको सीखना चाहिए की क्रोध भी व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
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चाणक्य की नीति के अनुसार इन लोगो से सीखिए जिंदगी के सारे सुख की बाते !!
Reviewed by N
on
April 13, 2020
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