वेदो पुराणों में गंगा नदी का बखान मिल जायेगा हिन्दू धर्म में गंगा को माता का दर्जा दिया गया है।
गंगा में शहरों और फेक्ट्रियो का गंदा पानी डाला जाता है गंगा की सफाई के नाम पर हजारो करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा दिए गए लेकिन गंगा नदी में गंदगी जस की तस बनी हुयी है।
आखिर गंगा को पवित्र क्यों माना जाता हैइस बारे में वैज्ञानिक कहते है की गंगा के पानी में बेटीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफ़ाज वायरस होते हैं ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और बैक्टीरिया को मारने के बाद फिर छिप जाते हैं।
शायद इसलिए हमारे ऋषियों मुनियो ने गंगा को पवित्र नदी माना है इसलिए इस नदी का जल कभी सड़ता नहीं है वेद, पुराण, रामायण, महाभारत सब धार्मिक ग्रंथों में गंगा की महिमा का वर्णन है करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डॉक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया।
और आपको जानकर हैरानी होगी की इस समय के वैज्ञानिक मानते है की गंगा में बैक्टीरिया मरने की क्षमता है लखनऊ के नेशनल बॉटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर चंद्रशेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है।
प्राकृतिक गुणों से भरपूर गंगा जल की वैज्ञानिको की खोजो ने साफ किया है गंगा गोमुख से निकलकर मैदानों में आने तक अनेक प्राकृतिक स्थानों, वनस्पतियों से होकर प्रवाहित होती है इसलिए गंगा जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो व्यक्ति को शक्ति प्रदान करते हैं इसलिए ये जल सभी रोगो को काटने की ओषधि है
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वैज्ञानिको ने भी माना की इसलिए है गंगा नदी इतनी पवित्र और शक्तिशाली !!
Reviewed by N
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May 28, 2020
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