राम मंदिर की होगी ऐसी नींव की हजार साल तक नहीं बिगड़ेगा उसका कुछ भी ,चाहे आये कितना भी बड़ा भूकंप

राम मंदिर कई मामलों में स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना होगा। 

तीन की जगह पांच गुंबद, 128 फीट ऊंचाई ...

भव्य भवन पूर्व के उन तमाम कटु अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा जिनका सामना पूर्व में करना पड़ा भविष्य में मंदिर पर कोई आंच न आए इसलिए गुणवत्ता और मुश्किल  सहने की क्षमता खास होगी और यही वजह है कि आकार प्रकार में तमाम बदलाव के बाद भी सदियों के संघर्ष का गवाह यह मंदिर भविष्य में 1000 वर्षों तक गौरव का एहसास कराने के लिए तन कर खड़ा रहेगा। 

भव्य राम मंदिर में होंगे 212 स्तंभ, 5 ...

बड़ा से बड़ा जलजला उसका बाल भी बांका नहीं कर पाएगा भवन का डिजाइन रिएक्टर स्केल पर 8 से 10 तक तीव्रता वाला आसानी से झेल पाएगा मंदिर के वास्तु का आशीष सोमपुरा ने बातचीत में  कि सोमनाथ मंदिर का उदाहरण पेश करते हुए कई अनुछुए पल साझा किये और आशंकाओं पर विराम लगाया। 

Ram temple will look more grand in three storey format Ram Mandir ...


उन्होंने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर उत्तर भारत की प्रचलित शैली नगर में निर्मित होगा उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान ,दिल्ली, पंजाब ,हिमाचल जम्मू आदि में स्थापित सभी मंदिर शैली के हैं वास्तव में यह हमारी क्षेत्रीय पहचान है मगर धार्मिक पहलू भी है उत्तर भारत में भगवान के सबसे ऊंचे दर्जे को ध्यान में रखते हुए सभी मंदिरों में उनका  वास स्थल  भव्य बनाया जाता है जबकि प्रवेश द्वार छोटा रहता है वहीं दक्षिण में इंद्री गेट को काफी बड़ा रखा जाता और भगवान का वास स्थल  छोटा रहता है वहां मान्यता है कि भगवान सूक्ष्म की तरफ जा रहे हैं इसलिए उनका वास स्थल भी वैसा ही रहे। 

PM Modi to lay foundatin stone of Ram Temple on 5th Aug at 12 noon

दुनिया में अन्य मंदिरों के मुकाबले राम मंदिर कहां खड़ा है आशीष  ने कहा की सदियों बाद आए शुभ अवसर पर  आकार की तुलना बेमानी  है इतना यकीन दिलाते हैं कि एक नजर में देखने पर यह देश  सबसे भव्य मंदिर प्रतीत होगा जिसके लिए 200 फिट की खुदाई कर मिट्टी टेस्ट की गई है इतना ही नहीं एक बार में सिर्फ मंदिर भवन में 10,000 से अधिक श्रद्धालु समाहित हो कर रामलला के दर्शन कर पाएंगे। 

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मंदिर निर्माण के लिए कई साल से पत्थर तलाशी चल रही है मगर उनकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं इस मुद्दे पर आशीष ने कहा कि कार्यशाला में जो पत्थर तरासे  गए हैं उनका ही इस्तेमाल होगा इन्हें राजस्थान के बंशीपुर पहाड़ क्षेत्र से लाया गया है इन्हें बलुई पत्थर कहते हैं अपने कैटेगरी में सबसे बेहतर क्वालिटी का पत्थर है मगर मार्बल से तुलना में नहीं है वह ज्यादा बेहतर होता है फिर भी हम ने इसका तोड़ निकाला है भविष्य में पानी रिसाव और रंग बदलने की दिक्कत को केमिकल कोटिंग से दूर कर रहे हैं। 

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यह पूरी तरह से सुरक्षित और लंबी आयु तक टिकेगा कहते हैं अक्षरधाम मंदिर भी इन्हींपत्थरो  गढ़ा गया है  आशीष सोमपुरा ने कहा कि करीब 500 साल तक मंदिर के लिए संघर्ष चला जिसका ध्यान मंदिर निर्माण में रखा गया है इसलिए हमने इस तरह डिजाइन तैयार किया था कि संघर्ष की अवधि सेदोगुना  यानी हजार    साल  तक यह  मंदिर अपनी भव्यता और स्थापत्य कला का एहसास कराता रहेगा। 

राम मंदिर के प्रस्तावित पुराने मॉडल ...

आशीष भारत में खजुराहो का उदाहरण देते हुए बोल रहे इसे 800 साल हो चुके हैं मंदिर वैसा ही खड़ा है आशीष कहते हैं कि मंदिर मजबूत बने इसके लिएनींव हम्  है साथ ही मिट्टी की सटीक जानकारी होना भी जरूरी है इसी को ध्यान में रखते हुए हमने 200 फीट खुदाई करके मृदा परीक्षण किया है उसकी रिपोर्ट आने के बाद हीनीँव की गहराई तय होगी। 

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भूकंप के लिहाज से उत्तर प्रदेश संवेदनशील जोन 4 में आता है मगर अयोध्या समेत अवध का यह हिस्सा जोन 3 में है बाकी हिस्से की  अपेक्षा यहाँ  खतरा कुछ कम है इसलिए राम मंदिर को रिएक्टर स्केल मापन पर 8 से 10 तक का भूकंप  सहने लायक बनाया जाएगा। 

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राम मंदिर की होगी ऐसी नींव की हजार साल तक नहीं बिगड़ेगा उसका कुछ भी ,चाहे आये कितना भी बड़ा भूकंप राम मंदिर की होगी ऐसी नींव की हजार साल तक नहीं बिगड़ेगा उसका कुछ भी ,चाहे आये कितना भी बड़ा भूकंप Reviewed by N on July 28, 2020 Rating: 5

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