मुंबई की गंदी गलियों को लेके स्विस बैंक ने किया चौंकाने वाला खुलासा ,यहाँ की गुमनाम कम्पनी करवाती थी करोड़ो रूपये जमा
स्विस बैंक में जमा काले धन के खिलाफ भारत की लड़ाई मुंबई के अँधेरी इलाके की तंग गलियों में पहुंच गयी है।
यहाँ की एक गुमनाम सी कम्पनी मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड पर कई विदेशी इकाइयों के जरिये स्विट्जरलैंड में लाखों डॉलर जमा करने का आरोप है कम्पनी की स्थापना 20 साल पहले की गयी थी भारतीय अधिकारियो ने इस कंपनी के खिलाफ जाँच में स्विस सरकार ने सहायता मांगी है जिसके बाद स्विट्जरलैंड के संघीय प्रशाशन ने कम्पनी को नोटिस जारी क्र अपना पक्ष सुनाने के लिए एक व्यक्ति को नामित किया है बर्न में 24 सितम्बर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया।
इस व्यक्ति को सारी जनकरी 10 दिन के अंदर देनी होगी यह व्यक्ति भारीतय क्र अधिकारियो के साथ कम्पनी की जानकारी साझा करने के अपील कर सकेगा सार्वजनिक तौर पर मौजूद आधिकारिक दस्तावेजों में इस कंपनी के स्वामित्व और कारोबार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है इस कंपनी का नाम लीक हुयी 'एचएसबीसी सूची' में सबसे बड़े भारतीय खाताधारक के रूप में हुयी है जिसके 50 करोड़ डॉलर एचएसबीसी की जिनेवा शाखा में जमा है कम्पनी रजिस्ट्रार के मुताबिक कम्पनी परिचालन की स्थिति में में है।
उसकी चुकता पूंजी 5 करोड़ रूपये है और आखिरी सालाना आम बैठक 30 दिसम्बर 2011 में हुयी थी कंपनी का रजिस्टर्ड अड्रेस अँधेरी इलाके के मोगरा गांव की एक गली का है ये कम्पनी जाँच के घेरे में तब आयी जब एचएसबीसी सूची में भारतीय नामों का ब्योरा भारत और फ्रांस सरकारों के बीच द्विपक्षीय समझौते के बाद भारत पहुंचा।
उसके बाद भारतीय अधिकारियो ने स्विट्जरलैंड से और ब्यौरा माँगा और अब इ दोनों देशो के बीच सुचना साझा करने के अंतिम पड़ाव पर है इसी प्रकार का एक नोटिस 24 सितंबर को मोनाको रजिस्टर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड को जारी किया गया यह भी मोटेक साफ्टवेयर से जुड़ी हुई है आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों ने एचबीएससी सूची में शामिल कई इकाईयों के खिलाफ कार्रवाई कर ली है इनमें से कइयों के बारे में उनहें स्विस प्रशासन से ब्योरा भी प्राप्त हुआ है।
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यहाँ की एक गुमनाम सी कम्पनी मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड पर कई विदेशी इकाइयों के जरिये स्विट्जरलैंड में लाखों डॉलर जमा करने का आरोप है कम्पनी की स्थापना 20 साल पहले की गयी थी भारतीय अधिकारियो ने इस कंपनी के खिलाफ जाँच में स्विस सरकार ने सहायता मांगी है जिसके बाद स्विट्जरलैंड के संघीय प्रशाशन ने कम्पनी को नोटिस जारी क्र अपना पक्ष सुनाने के लिए एक व्यक्ति को नामित किया है बर्न में 24 सितम्बर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया।
इस व्यक्ति को सारी जनकरी 10 दिन के अंदर देनी होगी यह व्यक्ति भारीतय क्र अधिकारियो के साथ कम्पनी की जानकारी साझा करने के अपील कर सकेगा सार्वजनिक तौर पर मौजूद आधिकारिक दस्तावेजों में इस कंपनी के स्वामित्व और कारोबार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है इस कंपनी का नाम लीक हुयी 'एचएसबीसी सूची' में सबसे बड़े भारतीय खाताधारक के रूप में हुयी है जिसके 50 करोड़ डॉलर एचएसबीसी की जिनेवा शाखा में जमा है कम्पनी रजिस्ट्रार के मुताबिक कम्पनी परिचालन की स्थिति में में है।
उसकी चुकता पूंजी 5 करोड़ रूपये है और आखिरी सालाना आम बैठक 30 दिसम्बर 2011 में हुयी थी कंपनी का रजिस्टर्ड अड्रेस अँधेरी इलाके के मोगरा गांव की एक गली का है ये कम्पनी जाँच के घेरे में तब आयी जब एचएसबीसी सूची में भारतीय नामों का ब्योरा भारत और फ्रांस सरकारों के बीच द्विपक्षीय समझौते के बाद भारत पहुंचा।
उसके बाद भारतीय अधिकारियो ने स्विट्जरलैंड से और ब्यौरा माँगा और अब इ दोनों देशो के बीच सुचना साझा करने के अंतिम पड़ाव पर है इसी प्रकार का एक नोटिस 24 सितंबर को मोनाको रजिस्टर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड को जारी किया गया यह भी मोटेक साफ्टवेयर से जुड़ी हुई है आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों ने एचबीएससी सूची में शामिल कई इकाईयों के खिलाफ कार्रवाई कर ली है इनमें से कइयों के बारे में उनहें स्विस प्रशासन से ब्योरा भी प्राप्त हुआ है।
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मुंबई की गंदी गलियों को लेके स्विस बैंक ने किया चौंकाने वाला खुलासा ,यहाँ की गुमनाम कम्पनी करवाती थी करोड़ो रूपये जमा
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September 27, 2019
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