सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण दोनों के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को समझना जरूरी है इस साल के अंत में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है।
इसे लेकर कई लोगो में डर है हालाँकि वैज्ञानिको के नजरिये से यह एक खगोलीय घटना से ज्यादा कुछ नहीं है हालाँकि वैज्ञानिक के नजरिये से यह एक खगोलीय घटना से जायदा कुछ नहीं है।
धर्मिक नजरिये से देखे तो इसमें कई सावधानियाँ बरतने की जरूरत होती है जैसे ग्रहण काल की अवधि में भोजन नहीं करना चाहिए इस अवधि में भोजन करने या बनाने के लिए भी मना किया जाता है इसमें शारीरिक
संबंध न बनाने की भी सलाह दी जाती है।
इसके आलावा गर्भवती महिलाओ या किसी बीमारी से जूझ रहे रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है जबकि वैज्ञानिक इस तरह की बातो को महज अफवाह मानते है वैज्ञानिको का कहना है जो काम एक सामान्य व्यक्ति कर सकता है, वे सभी काम करने से गर्भवती महिलाओं या रोगियों को रोकना अंधविश्वास है बहरहाल नासा ने सूर्य ग्रहण लगने से पहले एक चेतावनी जारी की है इसे नग्न आँखों से देखने का प्रयास न करे इसे देखने के लिए सनग्लास का इस्तेमाल करना सही होगा इसके अलावा इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है।
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चन्द्रमा के कारन दिखाई नहीं पड़ती है।
चन्द्रमा की वजह से जब सूर्य छिपने लगता है तो इस स्थति को सूर्यग्रहण कहते है ,जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं , जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को होता है।
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वैज्ञानिको से जाने आखिर सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण होता क्या है ?सुनी सुनाई बातो को करे दरकिनार
Reviewed by N
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December 26, 2019
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