‘जन गण मन..’ गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था जिसे हम सभी बहुत गर्व के साथ गाते हैं इसे गाते समय सावधान की अवस्था में खड़े हो जाना चाहिए।
भारत का राष्ट्रगान भी यूं तो काफी पहले लिखा जा चुका था लेकिन भारत सरकार ने इसे सन् 1950 में स्वीकृति दी।
गुरुदेव टैगोर ने राष्ट्रगान ‘जन गण मन..’ की रचना की पहले उन्होंने इसे एक बंगाली कविता के रूप में लिखा था 27 दिसम्बर 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक सभा में इसे पहली बार गाया गया था लेकिन उस समय इसे बंगाल के बाहर के लोग नहीं जानते थे।
जन गण मन को इसके अर्थ की वजह से राष्ट्रगान बनाया गया इसके कुछ अंशों का अर्थ होता है कि भारत के नागरिक,भारत की जनता अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है हे अधिनायक (सुपरहीरो) तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो।
बता दें कि राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है जबकि इसके संस्करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है राष्ट्रगान में 5 पद हैं।
27 दिसम्बर 1911 को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कलकत्ता सभा में गाया गया था संविधान सभा ने जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था।
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जानिए कैसे जन-गण-मन बना अपना राष्ट्रिय गान,आज ही के दिन गाया गया सबसे पहले !!
Reviewed by N
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January 24, 2020
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