1911 में रबिन्द्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान को बंगाली में लिखा था 1950 में इसका हिन्दी संस्करण संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी को स्वीकार किया गया।
52 सेकेंण्ड का समय लगता है राष्ट्रगान के पूरे संस्करण को गाने में इसमें 5 दोहे हैं 20 सेकेंड का समय लगता है।
राष्ट्रगान के लघु संस्करण को गाने में इसमें केवल पहली और अंतिम पंक्ति आती है यह विशेष अवसरों पर ही गाया जाता है।
राष्ट्रगान के दौरान सभी लोगों को सम्मान में खड़े हो जाना चाहिए राष्ट्रगान का अपमान करने पर जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान है।
ये है अर्थ
सभी लोगों के मस्तिष्क के शासक, कला तुम हो,
भारत की किस्मत बनाने वाले।
तुम्हारा नाम पंजाब, सिन्ध, गुजरात और मराठों के दिलों के साथ ही बंगाल, ओडि़सा और द्रविड़ों को भी उत्तेजित करता है,
इसकी गूंज विंध्य और हिमालय के पहाड़ों में सुनाई देती है,
गंगा और जमुना के संगीत में मिलती है और भारतीय समुद्र की लहरों द्वारा गुणगान किया जाता है।
वो तुम्हारे आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और तुम्हारी प्रशंसा के गीत गाते हैं
तुम्हारे हाथों में ही सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजार है,
तुम भारत की किस्मत को बनाने वाले।
जय हो जय हो जय हो तुम्हारी।
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वीडियो : जानिये क्या अर्थ है हमारे राष्ट्रगान जन-गण-मन का,और सम्मान नहीं देने पर मिलती है सजा !!
Reviewed by N
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January 24, 2020
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