सऊदी अरब पूरी तरह से अमेरिका के नियंत्रण में है अमेरिका उन्हें हथियारों के उत्पादन की इजाजत नहीं देता।

यदि सऊदी अरब हत्यारों का उत्पादन करना सीख जाता है और ताकतवर सेना खड़ी कर लेता है तो सऊदी अरब को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा और सऊदी अरब की सेना अमेरिका की तेल कंपनियों को वहां से खदेड़ देगी सऊदी अरब में विज्ञान गणित की शिक्षा का स्तर निम्न स्तरीय हालत में है और स्थानीय निकायों द्वारा किया जाने वाला निर्माण ज़ीरो है उन्हें किसी चीज को बनाने की कोई जानकारी नहीं है।

उन्हें हतियार निर्माण की बिलकुल जानकारी नहीं है सऊदी अरब का सारा विकास अमेरिकी कंपनियां करती है और डॉलर कमाती है सऊदी अरब के पास तेल भंडार है लेकिन उनको निकालने के लिए उनके पास नहीं तकनीक है इसलिए अमेरिकी कंपनी वहा तेल निकालती है और उसमें से कुछ डॉलर के रूप में सऊदी अरब को देती है इसी डॉलर से सऊदी अरब का काम चलता है इस तरह से सऊदी अरब पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है सऊदी अरब के केवल 20 वर्ष का तेल के भंडार है और जब यह खत्म हो जाएगा तो सऊदी अरब फिर से रोड आ जाए क्योंकि तब उनके पास ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे बेचकर वो डॉलरों में पैसे कमा सके और अपना देश चला सके।

तब अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां सऊदी अरब में तेजी से धर्मांतर करेगी और वहाँ की ज़्यादातर आबादी फ़िलिपींस एवं दक्षिण कोरिया की तरह ईसाईयत में कन्वर्ट हो जाएगी सऊदी अरब सेना खड़ी कर लेता है तो अमेरिकी कंपनी न तेल लूट पाएगी और न ही उन्हें कन्वर्ट कर पाएगी इसलिए अमेरिका ने अपनी सेना को सऊदी अरब में बिठाया हुआ है।
यह वही स्थिति है जो गुलाम भारत में भारत साल के राजाओं की थी ब्रिटिश भारत के प्राकृतिक संसाधन लूट रहे थे और अपनी सेनाओं की जमावट करके उन्होंने राजाओं को कंट्रोल कर रखा था।
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सऊदी अरब मालामाल होने के बावजूद भी अपने पड़ोसी देशो से खौफ खाये हुए क्यों बैठा है ?
Reviewed by N
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May 04, 2020
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